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शम्भु यादव की कविताएँ

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   जन्मः 11 मार्च 1965 को जिला महेन्द्रगढ़ (हरियाणा) के गाँव बड़कौदा में शिक्षाः दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी में स्नातकोत्तर प्रकाशनः एक कविता-संग्रह ‘ एक नया आख्यान’ प्रकाशित। पत्रिकाओं और ब्लॉग्स पर कविताएँ प्रकाशित।  समावर्तन नामक पत्रिका अपने एक महत्वपूर्ण स्तम्भ ‘रेखांकित’ के लिए जानी जाती है। इसके अंतर्गत सम्पादक निरंजन श्रोत्रिय किसी चुनिन्दा नए कवि की कविताएँ अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी के साथ पत्रिका में प्रस्तुत करते हैं। ‘समावर्तन’ के मई 2015 अंक के रेखांकित कवि हैं शम्भू यादव । शम्भू यादव की कविताओं पर प्रस्तुत है निरंजन श्रोत्रिय की टिप्पणी। इस टिप्पणी के बाद आप शम्भू यादव की कविताएँ पढेंगे।      यह कतई जरूरी नहीं कि कोई तल्ख विचार कविता में उसी तल्ख तेवर के साथ अभिव्यक्त हो। एक थिर या फिर मद्धम स्वर में भी उसे उतने ही प्रभावी तरीके से व्यक्त किया जा सकता है। इस बार के रेखांकित कवि शम्भु यादव की कविताएँ ऐसी ही हैं जो अपने समकाल से दो-चार तो होती ही हैं लेकिन बहुत आहिस्ते से। उसमें अनावश्यक बेचैनी या उद्विग्नता नहीं है। शम्भु अपने समय और समाज का बह