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रामजी तिवारी की किताब 'यह कठपुतली कौन नचावे' पर आशुतोष की समीक्षा

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             रामजी तिवारी ने आस्कर अवार्ड्स की एक सख्त पड़ताल की है अपनी किताब 'यह कठपुतली कौन नचावै' में. इस किताब की एक समीक्षा लिख भेजी है युवा आलोचक आशुतोष ने. तो आइए पढ़ते हैं यह समीक्षा.               कठपुतली ज़माने के विरूद्ध आशुतोष ‘ आस्कर अवार्ड्स’ यह कठपुतली कौन नचावे रामजी तिवारी की पुस्तक बीबीसी हिंदी द्वारा जारी 2013 की सम्पादकों की पसंद में शामिल है । रामजी तिवारी की यह पुस्तक 20 - 21 वीं सदी की साम्राज्यवादी नीतियों का खुलासा करती है ।   शासक अपने हिसाब से अपनी जनता का चुनाव भी करता है, और जब एक बार यह सम्पन्न हो जाता है, तब यही जनता उन शासकों के इशारे पर भी नाचने लगती है । ब्रेख्त ने भी अपनी एक कविता में ठीक यही बात कही है । चूँकि जनता ने सरकार का विश्वास खो दिया है इसलिए सरकार को चाहिए वह अपनी जनता भी चुन ले ।   क्या और नहीं होता आसान सरकार भंग कर देती जनता को और चुन लेती दूसरी ब्रेख्त की कविता के लहजे में जो व्यंजकता है उससे साफ है कि यदि सरकारों की विश्वनीयता खत्म हो जाती है तो उसे जनता के बहिष्कार का सामना करना पड़ता है ।

अशोक कुमार पाण्डेय के कविता-संग्रह "प्रलय में लय जितना" पर शाहनाज़ इमरानी की समीक्षा

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अशोक कुमार पाण्डेय अशोक कुमार पाण्डेय हमारे समय के एक समर्थ युवा कवि हैं । अशोक का हाल ही में एक नया कविता संग्रह आया है ' प्रलय में लय जितना ' । इस संग्रह पर कवयित्री शहनाज इमरानी ने एक समीक्षा लिखी है । आइए पढ़ते हैं शहनाज की यह समीक्षा ।   दिक़्क़त सिर्फ़ इतनी है कि रास्ते में   एक वर्तमान पड़ता है कमबख़्त शाहनाज़ इमरानी कवि का संग्रह समय की सोच और चिंता को रेखांकित करने वाली अलग-अलग मुद्राओं की   एक लम्बी कविता ही तो होता है , कविता भी एक तरह से ज्ञान है , यह ज़िन्दगी को समझने का एक तरीक़ा है शायद।   अशोक कुमार   पाण्डेय की कविताओं को पढ़ते हुए   ज़ाहिर होता है उनका गहरा सामाजिक बोध , वह अपने आस-पास होने वाली हलचलों से जुड़े हुए हैं।  " लगभग   अनामंत्रित " अशोक कुमार पाण्डेय का पहला कविता संग्रह है। इस संग्रह की कई कवितायें अंग्रेज़ी और कई भारतीय भाषाओं में अनूदित हुई हैं। "प्रलय में लय जितना" अशोक कुमार पाण्डेय का दूसरा   कविता संग्रह है। आज कविता भी पुराने काव्य-युगों से ज़्यादा आज के परिवेश के साथ चल रही है और इस परिवेश में तनाव है ,